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लूज मोशन या दस्त रोकने के लिए डाइट प्लान (Diet Plan for Diarrhea or Loose Motion)

किसी व्यक्ति को एक या दो बार दस्त हो जाए तो इसे आम बात समझा जाता है, लेकिन अगर चार-पांच या इससे अधिक बार दस्त होने लगे तो व्यक्ति की हालत खराब होने लगती है। ऐसी अवस्था में दस्त पर रोक लगाने के लिए कई रोग दवा दुकान से दवा खरीदकर खाते हैं, तो कई मरीज डॉक्टर से परामर्श लेते हैं। आप चाहे आप दस्त रोकने के लिए खुद से दवा खरीद कर खाएं, या डॉक्टर से परामर्श लें, दोनों ही मामलों में खान-पान पर बहुत ध्यान देना पड़ता है।
कई बार दस्त के दौरान उचित खान-पान की पूरी जानकारी ना हो पाने के कारण भी दस्त बंद नहीं होती है। इसलिए यहां दस्त के दौरान आपका खान-पान कैसा होना चाहिए, इसकी पूरी जानकारी दी जा रही है। आप इस जानकारी को अपना कर दस्त बंद करने में सफलता पा सकते हैं।

दस्त होने पर क्या खाएं (Your Diet During Diarrhea)

दस्त के दौरान इनका सेवन करना चाहिएः-
  • अनाजपुराना शाली चावलदलिय।
  • दाले: मूंगमसूर दाल।
  • फल एवं सब्जियांपरवललौकीतोरईकरेलाकददूमौसमी सब्जियांकेलाजामुनअनारबिल्व
और पढ़ें: दस्त रोकने के लिए भिंडी के फायदे

दस्त होने पर क्या ना खाएं (Avoid These During Diarrhea)

दस्त के दौरान इनका सेवन नहीं करना चाहिएः-
  • अनाजनया चावलमैदा।
  • दालमटरकाबली चनाउड़द दाल।
  • फल एवं सब्जियांअंगूरकटहलबीन्सबथुआकद्दू।
  • अन्यपानी का अत्यधिक सेवनगन्ने का रससुपारीअचारपनीरचटनीदहीमक्खनदूध से बने पदार्थदूधमिठाइयाँमसालेदार भोजनअधिक नमककोल्डड्रिंक्सफास्टफूडजंक फ़ूडडिब्बा बंद खाद्य पदार्थबेकरी उत्पाद।
और पढ़ें: दस्त में सुपारी के प्रयोग

लूज मोशन (दस्त) रोकने के लिए आपका डाइट प्लान (Diet Plan for Diarrhea or Loose Motion)

सुबह उठकर दांत धाने (बिना कुल्ला कियेसे पहले खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी एवं नाश्ते से पहले पतंजलि आवंला व एलोवेरा रस पिएं। इसके साथ ही आपको इनका पालन करना हैः-
समयआहार योजना (शाकाहार)
नाश्ता (8 :30 AM)1 कप दिव्य पेय (पतंजलि) + 2-3 पतंजलि आरोग्य बिस्कुट /कम दूध के साथ आरोग्य दलिया (नमकीन) /पोहा /उपमा (सूजी ) / पतली रोटी  (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा) + उबली सब्जियां फलों का सलाद (सेबकेलाजामुनअनारबेल फल)
दिन का भोजन  (12:30-01:30 PMपतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा )+ 1/2 कटोरी चावल (मण्ड रहित) + 1 कटोरी हरी सब्जिया (उबली हुई) + 1 कटोरी मूंग दाल (पतली ) + मठ्ठा/छाछ
शाम का नाश्ता  
(03:30 pm)
सब्जियों का सूप /मूंग दाल /1 कप पतंजलि दिव्य पेय  + 2-3 आरोग्य बिस्कुट (पतंजलि)    
रात का भोजन
(7: 00 – 8:00 Pm)
1-2  पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1/2 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई ) + 1/2 कटोरी दाल मूंग (पतली )
अन्यशहदजीराछाछबकरी का दूधयवागु (पतली खिचड़ी), धनिया का सेवन कर सकते हैं।
सलाहयदि मरीज को चाय की आदत है, तो इसके स्थान पर कप पतंजलि दिव्य पेय दे सकते हैं |
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दस्त के दौरान आपकी जीवनशैली (Your Lifestyle During Loose Motion)

दस्त के दौरान व्यक्ति को अपनी जीवनशैली में निम्न बदलाव करना चाहिएः-
  • हाथों को अच्छी तरह धुलकर खाना चहिए।
  • ज्यादा देर तक भूखा नहीं रहना चाहिए।
  • समय पर खाना खा लेना चाहिए।
  • रात में समय पर सो जाना चाहिए।
  • कोई शारीरिक व्यायाम नहीं करना चाहिए।
  • धूम्रपान नहीं करना चाहिए।
  • मैथुन या क्रोध नहीं करना चाहिए।
  • रात में खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलना चाहिए ताकि भोजन अच्छे से पच जाए।
  • रोगी को ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए, क्योंकि ज्यादा दस्त होने के कारण से शरीर मे कमजोरी आ जाती है।

दस्त के दौरान बच्चों की जीवनशैली (Children Lifestyle During Loose Motion)

दस्त होने पर बच्चों की जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
  • बच्चों को बाहर का खाना नहीं देना चाहिए।
  • पीने का पानी साफ हाथों से देना चाहिए।
  • बच्चों के खिलौने की सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
  • बच्चे को गन्दे हाथ, गन्दे कपड़े या खिलौने को मुंह में ना लेने दें।
  • अगर बच्चे को दस्त हो गये हो तो तुरन्त उपचार के लिए डॉक्टर की सलाह लें।

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ध्यान रखने योग्य बातें (Points to Remember in Diarrhea)

दस्त के डाइट प्लान को अपनाने के दौारन इन बातों का ध्यान रखेंः-
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास रोज करें।
(2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करें।
(3) भोजन धीरे-धीरे शांत स्थान में शांतिपूर्वकसकारात्मक एवं खुश मन से करें।
(4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
(5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागें एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करें।
(6) हफ्ते में एक बार उपवास करें।
(7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़ें।
(8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरेधीरे खायें।
(9) भोजन लेने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
(10) सूर्यादय से पहले [5:30 – 6:30 am] जाग जाएं।
(11) रोज दो बार दांतों को धोएं।
(12) रोज जिव्हा करें।
(13) भोजन लेने के बाद थोड़ा टहलें।
(14) रात में सही समय [9-10 PM] पर नींद लें।
और पढ़े – दस्त में सिंघाड़े के फायदे

दस्त को रोकने के लिए योग और आसन (Yoga and Asana for Losse Motion)

आप दस्त होने पर ये योग, ध्यान या आसन कर सकते हैंः-

  • योग प्राणायाम एवं ध्यानभस्त्रिकाकपालभांतिबाह्यप्राणायामअनुलोम विलोमभ्रामरीउदगीथउज्जायीप्रनव जप |
  • आसनपश्चिमोत्तानासनगोमुखासनसर्वांगासनकन्धरासनपवनमुक्तासन |


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