Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Diet Plan for Eye Disorder: नेत्र विकार के लिए आहार दिनचर्या

नेत्र विकार के लिए आहार दिनचर्या
 1.प्रातः सुबह उठकर दन्तधावन (बिना कुल्ला कियेसे पूर्व खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी एवं नाश्ते से पूर्व पतंजलि आवंला व एलोवेरा स्वरस पियें                                                                                                                                                                                                                                                                                      
संतुलित  योजना
समयआहार योजना शाकाहार )
नाश्ता (8 :30 AM)कप दिव्य पेय (पतंजलि), आरोग्य बिस्किटपतंजलि पोहा /उपमा (सूजी ) / दलिया /अंकुरित अनाज /1 प्लेट फलों का सलाद (सेब, पपीता, अनार, गाजर, चुकुन्दर )  / गिलास फलों का ताजा जूस
दिन का भोजन     (12:30-01:30 )PM1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जिया (उबली हुई ) + 1 कटोरी मूंग दाल (पतली ) +1 प्लेट सलाद (खीराककड़ीचकुंदरगाजरटमाटर )
सांयकालीन          (04:30-05:00 pm)सब्जियों का सूप1 कप दिव्य पेय (पतंजलि) + आरोग्य बिस्किट, पतंजलि ड्राई फ्रूट्स (काजूपिस्ताभुनी मूंगफली)
रात्रि का भोजन         (8:30-09:30 Pm)1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जिया कटोरी दाल     
शयन कालीन/ सोने से पहले
( 09:30-10:00)pm
   1 चम्मच पतंजलित्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी से पिए|
पथ्य आहार (जो लेना है)
अनाज: पुराना चावलगेहूजौ
दालेमसूरदालमूंगअरहर
फल एवं सब्जियां:  लौकीतोरीपरवलकरेलाकददूगाजरटमाटरचुकुन्दरसेबअनारखजूरपालकपपीता
अन्य:  हल्का भोज्य पदार्थघृत एवं गुनगुना पानी पिए |
जीवन शैली……….
योग प्राणायाम एवं ध्यानकपालभांतिबाह्यप्राणायामअनुलोम विलोमभ्रामरीउदगीथउज्जायीप्रनव जप
आसनगोमुखासनपश्चिमोत्तानासभुजंगासनमर्कटासन,
अपथ्य (जो नहीं लेना है)
अनाजनया धानमैदा,
दाले:   उड़द दालचनामटरराजमा
फल एवं सब्जियांआलूशिमला मिर्चबैंगनभिंडीजामुनआड़ूकच्चा आम
अन्यतला हुआ एवं कठिनाई से पाचन वाला भोजन
सख्त मना तैलीय मसालेदार भोजनमांसहार और मांसाहार सूपअचारअधिक तेलअधिक नमककोल्डड्रिंक्समैदे वाले पदार्थशराबफास्टफूड,  सॉफ्टड्रिंक्सजंक फ़ूडडिब्बा बंद खाद्य पदार्थतला हुआ एवं कठिनाई से पाचन वाला भोजन
जीवन शैली: अध्यसयन (भोजन के बाद दोबारा 1-2 घंटे बाद भोजन करनाअधिक व्यायामगुस्साडरचिंताशीतल जलदिन मे सोनाधारणी वेग को रोकनाआसमान पर बादल होंने पर ठंडे जल का सेवन,  पूर्व दिशा से आने वाली हवाओं का अत्यधिक सेवन
योग प्राणायाम एवं ध्यान– वैद्यानिर्देशानुसार
आसन– वैद्यानिर्देशानुसार
सलाहयदि मरीज को चाय की आदत है तो इसके स्थान पर कप पतंजलि दिव्य पेय ले सकते हैं |
नियमित  रूप से अपनाये :-
(1) ध्यान एवं योग का अभ्यास प्रतिदिन करे (2) ताजा एवं हल्का गर्म भोजन अवश्य करे (3) भोजन धीरे धीरे शांत स्थान मे शांतिपूर्वकसकारात्मक एवं खुश मन से करे (4) तीन से चार बार भोजन अवश्य करे (5) किसी भी समय का भोजन नहीं त्यागे एवं अत्यधिक भोजन से परहेज करे (6) हफ्ते मे एक बार उपवास करे (7) अमाशय का 1/3rd / 1/4th भाग रिक्त छोड़े (8) भोजन को अच्छी प्रकार से चबाकर एवं धीरेधीरे खाये (9) भोजन लेने के पश्चात 3-5 मिनट टहले (10) सूर्यादय से पूर्व साथ जाग जाये [5:30 – 6:30 am] (11) प्रतिदिन दो बार दन्त धावन करे (12) प्रतिदिन जिव्हा निर्लेखन करे (13) भोजन लेने के पश्चात थोड़ा टहले एवं रात्रि मे सही समय पर नींद लें [9-10 PM]

Post a Comment

0 Comments