निर्माण एवं प्रयोग विधि–
- गाजर खाकर गले की खराश को जड़ से मिटाएँ।
- मुलहठी और मिश्री में काली मिर्च मिलाकर चूसें तथा गले की खराश को दूर करेंं।
- पान का हरा पत्ता नित्य दो-तीन बार चबाने से गले की स्वर अवरुद्धता दूर होती है।
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